Quantcast
Viewing all articles
Browse latest Browse all 17

‘ जब मैं सरकारी नौकरी करते हुए नहीं झुका तो चुनाव जीतने पर तो और भी बेहतर काम करूंगा’

Image may be NSFW.
Clik here to view.
बाबा हरदेव सिंह. उम्र-66 वर्ष.  पूर्व आईएएस अधिकारी. मैनपुरी, उत्तर प्रदेश.  फोटोः प्रमोद अधिकारी
बाबा हरदेव सिंह. उम्र-66. पूर्व आईएएस अधिकारी. मैनपुरी, उत्तर प्रदेश. फोटोः प्रमोद अधिकारी

राजनीति में बाहुबल और पैसे का इस्तेमाल आम बात हो चुका है. राजनीति आम लोगों की मदद का हथियार थी, लेकिन अब यह धंधा बन चुकी है. इसके लिए हम भी दोषी हैं जो जब यह हो रहा था तो इसे किनारे खड़े होकर देख रहे थे. लेकिन अन्ना हजारे के भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन के बाद सब बदल गया. यह साफ हो गया कि हमें अपनी नौकरियों से ऊपर उठकर सोचना होगा, खुद खड़ा होना होगा और राजनीति में आ चुकी इस गंदगी के खिलाफ लड़ना होगा.

मैं समाजवादी पार्टी के मुलायम सिंह यादव के खिलाफ लड़ रहा हूं. मेरी लड़ाई मैनपुरी के लोगों के लिए है. इसे शहर कहते हैं, लेकिन भ्रष्टाचार और विकास की कमी के चलते स्थानीय प्रेस की भाषा में कहें तो मैनपुरी अब भी एक बड़े गांव जैसा है. बुनियादी सुविधाओं की भारी कमी है. निजी मैनेजमेंट कॉलेज नहीं हैं. अच्छे अस्पताल नहीं हैं. न ही ट्रेन कनेक्टिविटी है. हैरानी की बात यह है कि पिछले 25 साल से यहां एक ही परिवार चुनाव जीतता आ रहा है. अगर उन्होंने ये मुद्दे उठाए होते तो कुछ तो हो जाता. कम से कम एक इंटरसिटी ट्रेन ही चल जाती. दुख की बात यह है कि तंबाकू के इस्तेमाल की वजह से होने वाले कैंसर के मरीजों की संख्या के मामले में मैनपुरी पहले नंबर पर है, लेकिन यहां किसी अस्पताल में कैंसर के इलाज की कोई यूनिट नहीं. कोई इन मुद्दों पर लोगों को जागरूक नहीं कर रहा. यह स्थिति बदलनी चाहिए. मैनपुरी में यह हाल है कि आज भी यहां डीएम और एसपी लोगों से खुद को जी हुजूर और जी सरकार कहलवाते हैं जबकि असल में वे जनता के सेवक हैं.

यही वजह है कि जिन लोगों को देश की फिक्र है उन्होंने अपनी नौकरियां छोड़ दी हैं. घर छोड़ दिया है. आराम की जिंदगी छोड़ दी है. वे कह रहे हैं कि बहुत हो चुका. अब लोग राजनीति में करियर बनाने नहीं, लोगों की सेवा करने के लिए आ रहे हैं.

अपनी नौकरी के दौरान मैं राजनीतिक वर्ग और व्यवस्था में व्याप्त भ्रष्टाचार से लड़ता रहा. अगर मैं सरकारी अधिकारी रहते हुए ऐसा कर सकता था तो मुझे यकीन है कि अगर मैं चुना गया तो यह काम और भी अच्छे तरीके से कर पाऊंगा. अगर आप ईमानदार हैं, अगर आपको कोई खरीद नहीं सकता और अगर आपकी जनता के लिए काम करने की इच्छा है तो पूरा सिस्टम ठीक हो जाएगा. मुझे यह भी यकीन है कि अगर हम देश में बदलाव लाना चाहते हैं तो हमें जड़ से शुरुआत करनी होगी. बुनियादी स्तर पर ठीक किए बिना इसे राष्ट्रीय स्तर पर ठीक नहीं किया जा सकता.

(अवलोक लांगर से बातचीत पर आधारित.)


Viewing all articles
Browse latest Browse all 17

Trending Articles